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Showing posts from December, 2022

What is an internet bot or web robot

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क्या आप जानते हैं कि दुनिया में इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों में ज़्यादातर इनसान नहीं बल्कि रोबोट हैं। वास्तव में, दुनिया के कुल वेब ट्रेफिक के आधे से अधिक इंटरनेट उपयोगकर्ता रोबोट हैं, जिन्हें बोट, इंटरनेट बोट या वेब रोबोट कहा जाता है। अधिकांश वेबमास्टर्स अपनी वेबसाइट पर हो रही इस गतिविधि से अनजान हैं। इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों को यह जानना बहुत ज़रूरी है कि इंटरनेट बोट्स क्या होते हैं तथा ये हमारे लिए उपयोगी हैं या हानिकारक ? इंटरनेट बोट्स क्या है ? इंटरनेट बोट एक प्रकार के सॉफ्टवेयर होते हैं जो इंटरनेट पर स्वचालित रूप से कार्य करते हैं। ये कार्य अक्सर सरल और दोहराए जाने वाले होते हैं. जैसे- क्लिक करना या कॉपी करना इत्यादि । बॉट्स, वायरस, ट्रोजन्स आदि मैलवेयर नामक , सॉफ्टवेयर की श्रेणी में आते हैं। मैलवेयर ज़्यादातर गलत कार्यों के लिए इस्तेमाल किया जाता है, इन्हें विशेष रूप से क्षति, डाटा चोरी, होस्ट या नेटवर्क पर कुछ अन्य खराब या नाजुक गतिविधि को अंजाम देने के लिए डिजाइन किया गया है। कितने प्रकार के होते हैं बोट्स ? आज इंटरनेट बोट्स, इंटरनेट की लगभग आधी गतिविधियों में शामिल रहत

''जब तानसेन की तानाशाही को एक बच्चे ने खत्म किया''

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प्रस्तुत कहानी सम्राट अकबर के सुप्रसिद्ध रागी तानसेन द्वारा निर्धारित किए गए राग-विद्या के नियम पर आधारित है। उसकी बराबरी करने वाला हर व्यक्ति मौत के घाट उतार दिया जाता था। ऐसी स्थिति में एक छोटे से बालक ने अपने पिता को इसी कारणवश बचपन में खो दिया था। प्रतिशोध की अग्नि में जलता हुआ बैजू बावरा होकर नवयौवन के उस पड़ाव तक आ पहुँचा, जब उसका सामना तानसेन से प्रतियोगिता के रूप में हुआ। बैजू बावरा की सम्मोहिनी आवाज़ ने सबके हृदय उद्वेलित कर दिए और तानसेन को अपने चरणों में गिरने को विवश कर दिया। प्रभात का समय था, आसमान से बरसती हुई जीवन की किरणें संसार में नवीन जीवन का संचार कर रही थीं। बारह घंटों के लगातार संग्राम के बाद प्रकाश ने अँधेरे पर विजय प्राप्त की थी। इस खुशी में फूल झूम रहे थे और पक्षी मीठे गीत गा रहे थे। पेड़ों की शाखाएँ खेलती थीं और पत्ते तालियाँ बजाते थे। चारों तरफ़ प्रकाश नाचता था। चारों तरफ़ खुशियाँ झूमती थीं। चारों तरफ़ गीत गूँजते थे। इतने में साधुओं की एक मंडली शहर के अंदर दाखिल हुई। ये लोग जो मस्तमौला, ईश्वरभक्त और हरि भजन के मतवाले थे, संसार से बंधन तोड़ चुके थे, और अपने मन

लम्बे होने के जैविक नियम (कब तक कैसे बढ़ सकती है लम्बाई ?)

सच है की हर इंसान लंबा होने की चाह रखता है। यह तमन्ना पुरुषों में अधिक प्रबल होती है, पर स्त्रियों में भी प्रायः बचपन से ही लंबे होने की चाहत होती है। दुनिया के हर देश, समाज और समुदाय के स्त्री-पुरुष न सिर्फ स्वयं लंबे होने की इच्छा रखते है, बल्कि उनमें यह भी चाह होती है कि उनके बच्चे लंबे कद के हों। लंबाई के प्रति यह लगाव संभवतः हमारी उस आदिम सोच का एक हिस्सा है जिसमें लंबा-चौड़ा और तगड़ा शरीर हमें अन्य देहधारियों की तुलना में अधिक बलशाली बनाने में उपयोगी था। मानव के उदभव और विकास के पश्चात शुरुआती पीढ़ियों में इसी सोच के चलते स्त्रियाँ जीवनसाथी के रूप में लंबे पुरुषों को चुनना अधिक पसंद करती थीं। मानव उदभव और विकास पर शोध करने वाले मनो-विश्लेषकों का यह मत है कि उस काल की स्त्रियों में लंबे पुरुषों की पसंद इस सोच से रही होगी कि लंबे तगड़े शरीर वाला पुरुष उन्हें और उनकी संतान को बेहतर सुरक्षा दे सकेगा। कमोबेश आज सहस्रों वर्ष बाद भी हमारी लंबाई संबंधी पसंद उसी आद्य सोच पर टिकी है। लंबा होना आकर्षक व्यक्तित्व का एक अनिवार्य अंग माना जाता है। यदि उदाहरण के लिए बीते सालों में मिस यूनिवर्स

Scheme under NDA Government (Imp. for UPSC)

  भारत सरकार की प्रमुख योजनाएं :  Note-यह योजनाएं 2014 से 2019 के बीच लागू की गई है। 1. मेक इन इंडिया (Make In India) प्रधानमंत्री ने देश में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 25 सितंबर, 2014 को मेक इन इंडिया अभियान का प्रारंभ द्वारा किया गया था। इस कार्यक्रम का उद्देश्य देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाले विनिर्माण के 25 क्षेत्रों में बदलाव लाना है ताकि रोजगार में वृद्धि हो और बेरोजगारी को दूर किया जा सके। 20 हजार करोड़ की इस योजना ने देश-विदेश के निवेशकों के लिए भारत में व्यापार के द्वार खोल दिए हैं। 2. स्वच्छ भारत अभियान ( Swachh Bharat Abhiyan or Clean India Mission) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 अक्टूबर, 2014 को गांधी जयंती के दिन स्वच्छ भारत अभियान का शुभारंभ किया था। अभियान का लक्ष्य खुले में शौच को रोकना, प्रत्येक घर में शौचालय का निर्माण करना तथा कचरे का उचित ढंग से निस्तारण करना हैं। लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता उत्पन्न करना भी अभियान का मुख्य लक्ष्य है। देश भर में जोर-शोर से क्रियान्वित किया जा रहा यह एक महाअभियान है. इसके तहत 2019 तक भारत को संपू