Scheme under NDA Government (Imp. for UPSC)
भारत सरकार की प्रमुख योजनाएं :
Note-यह योजनाएं 2014 से 2019 के बीच लागू की गई है।
प्रधानमंत्री ने देश में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 25 सितंबर, 2014 को मेक इन इंडिया अभियान का प्रारंभ द्वारा किया गया था। इस कार्यक्रम का उद्देश्य देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाले विनिर्माण के 25 क्षेत्रों में बदलाव लाना है ताकि रोजगार में वृद्धि हो और बेरोजगारी को दूर किया जा सके। 20 हजार करोड़ की इस योजना ने देश-विदेश के निवेशकों के लिए भारत में व्यापार के द्वार खोल दिए हैं।
2. स्वच्छ भारत अभियान (Swachh Bharat Abhiyan or Clean India Mission)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 अक्टूबर, 2014 को गांधी जयंती के दिन स्वच्छ भारत अभियान का शुभारंभ किया था। अभियान का लक्ष्य खुले में शौच को रोकना, प्रत्येक घर में शौचालय का निर्माण करना तथा कचरे का उचित ढंग से निस्तारण करना हैं। लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता उत्पन्न करना भी अभियान का मुख्य लक्ष्य है। देश भर में जोर-शोर से क्रियान्वित किया जा रहा यह एक महाअभियान है. इसके तहत 2019 तक भारत को संपूर्ण स्वच्छ बनाने का लक्ष्य तय किया गया था।
3. स्वच्छ स्वस्थ सर्वत्र अभियान (Swachh Swasth Sarvatra initiative)
स्वच्छ स्वस्थ सर्वत्र अभियान का आरंभ स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 29 दिसंबर, 2016 को किया गया था। इस अभियान का उद्देश्य बेहतर स्वच्छता, ज्यादा जागरूकता और स्वस्थ जीवन शैली अपनाकर उत्तम स्वास्थ्य के लक्ष्य को प्राप्त करना है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय की पहल वाले इस अभियान के माध्यम से स्वच्छ भारत से एक कदम आगे स्वस्थ भारत के निर्माण पर जोर दिया जा रहा है। वर्ष 2019 तक खुले में शौच मुक्त भारत लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में स्वच्छ स्वस्थ सर्वत्र अभियान को एक जरूरी अभियान के रूप में स्वीकार किया गया है। सरकार ने इसे जनांदोलन का रूप देते हुए इसके तहत स्वच्छता हेतु करोड़ों के इनाम की भी घोषणा की है।
4. बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ (Beti Bachao Beti Padhao)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी, 2015 को हरियाणा के पानीपत जिले से बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम का शुभारंभ किया था। यह कार्यक्रम बालिकाओं को जीवित रखने, सुरक्षित रखने एवं सशक्त बनाने के लिए समन्वित एवं केंद्रित प्रयास सुनिश्चित करने हेतु शुरू किया गया था। इसे एक राष्ट्रीय अभियान के रूप में सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में कम सीएसआर वाले 100 चुने गए जिलों में सकेंद्रित बहुक्षेत्रीय कार्यक्रम के माध्यम से क्रियान्वित किया जा रहा है।
लैंगिक भेदभाव के कारण बालिकाओं की हत्या रोकना, बालिकाओं का जीवन एवं सुरक्षा सुनिश्चित करना, बालिकाओं की शिक्षा व सहभागिता सुनिश्चित करना इस कार्यक्रम के मूल उद्देश्य हैं। कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, मानव संसाधन विकास मंत्रालय तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की संयुक्त सहभागिता है।
5. स्मार्ट सिटी योजना (National Smart Cities Mission)
25 जून, 2015 को प्रारंभ की गई स्मार्ट सिटी योजना मोदी सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है। इसके तहत 2015-16 से 2019-20 के दौरान देश भर के 100/- चुनिंदा शहरों को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा। मिशन हेतु 20 शहरों की पहली सूची जनवरी, 2016 में, 13 शहरों की दूसरी सूची मई, 2016 में, 27 शहरों की तीसरी सूची सितंबर, 2016 में और 30 शहरों की चौथी सूची जून, 2017 में जारी की गई थी। 9 शहरों की पाँचवीं सूची जनवरी 2018 में जारी की गई तथा जून 2018 में शिलांग को 100वें शहर के रूप में चुना गया। स्मार्ट सिटी का इन्फ्रास्टक्चर इस तरह से डेवलप किया जाएगा कि वहाँ रहने वाले व्यक्ति को जरा भी किसी भी प्रकार की असुविधा न हो स्मार्ट सिटी सभी तरह की स्मार्ट सुविधाओं से लैस होंगे। जिनमें प्रमुख सुविधाएँ ये हैं- चौबीस घंटे बिजली-पानी, अच्छे स्कूल बाजार, व्यापार सुविधा केंद्र, कौशल विकास केंद्र, अस्पताल, साफ-सफाई सुरक्षा, आसपास के क्षेत्रों के लिए जीपीएस युक्त समेकित मल्टीमॉडल परिवहन प्रणाली, कचस प्रबंधन, विद्युत आपूर्ति के लिए सौर ऊर्जा का इस्तेमाल, ई-प्रशासन और उच्च तकनीक से संपन्न विशेष ध्यान दिया नागरिक समाधान सुविधाएँ, सीसीटीवी कैमरों से तरह ब्रॉडबैंड हाइवे निगरानी इत्यादि।
6. जन धन योजना (Pradhan Mantri Jan Dhan Yojana)
प्रधानमंत्री जन-धन योजना 28 अगस्त, 2014 को से शासन प्रारंभ की गई थी। इसके अंतर्गत जीरो बैलेंस पर बैंक खाता खोला जा सकता है। योजना का उद्देश्य उपलब्ध देश के सभी परिवारों की बैंक खातों तक पहुँच बनाना है। निर्धन लोगों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने हेतु चलाई गई इस योजना में खाताधारकों के लिए को 30 हजार रुपये का न्यूनतम जीवन बीमा और सके, अ 1 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा दिया जाता है। खाताधारी बैंक से 6 महीने के अंतराल पर 5 हजार रुपये की राशि ऋण के तौर पर ले सकता है। खाताधारी को एटीएम कार्ड की तरह रुपये कार्ड एक स की सुविधा दी जाती है। साधारण मोबाइल फोन विभिन्न पर खाते की जानकारी मैसेज के जरिए प्राप्त की से तेज जा सकती है। यह एक सफल योजना है और इसके अंतर्गत अब तक 29 करोड़ से अधिक खाते खोले जा चुके हैं।
7. नमामि गंगे (Namami Gange Programme)
नमामि गंगे मोदी सरकार का महत्वाकांक्षी कार्यक्रम उद्यमों है। गंगा नदी को स्वच्छ बनाने हेतु 7 जुलाई, 2016 इंडिया को इसका प्रारंभ किया गया था। 20000 करोड़ की युवाओं लागत वाले इस बड़े कार्यक्रम द्वारा गंगा नदी की आर्थिक स्वच्छता हेतु अनेक योजनाएँ क्रियान्वित की जा रही को स्टा हैं, जिनमें गंगा नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए तकनीकी जल-मल उपचार संयंत्रों की स्थापना, जैवोपचार है। योज गंगा में गिरने वाले गंदे पानी के उपचार हेतु संयंत्रों की स्थापना, गंगा में गिरने वाले जल-मल को निकासी बिंदु पर ही रोकने के उपाय, गंगा किनारे स्टैंड स्थापित कारखानों पर अंकुश, गंगा में ठोस कचरा प्रवाहित करने पर हर संभव रोक जैसे कार्य शामिल हैं। गंगा नदी के किनारे बसे गाँवों में स्वच्छता पर केंद्र सर जोर देते हुए उन्हें खुले में शौच मुक्त करने हेतु रुपये से अभियान भी इस कार्यक्रम का अहम हिस्सा है।
8. डिजिटल इंडिया मिशन (Digital India Mission)
जनसामान्य को सभी सरकारी सेवाएँ इलेक्ट्रॉनिक तरीके से मुहैया कराने हेतु सरकारी काम-काज का डिजिटलीकरण करने के उद्देश्य से 2 जुलाई, 2015 को डिजिटल इंडिया मिशन की शुरुआत की गई थी। 1 लाख करोड़ की लागत वाले इस मिशन के 2019 तक पूरे होने की उम्मीद है। मिशन के तहत भारत को डिजिटल बनाने हेतु 9 क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है- 1. सड़क हाइवे की तरह ब्रॉडबैंड हाइवे से शहरों को जोड़ना, 2. सभी नागरिकों को टेलीफोन सेवाएँ उपलब्ध कराना, सार्वजनिक इंटरनेट एक्सेस कार्यक्रम के तहत इंटरनेट सेवाएँ उपलब्ध कराना, ई-गवर्नेस के माध्यम से शासन-प्रशासन में सुधार लाना, ई-क्रांति के तहत जनसामान्य को विभिन्न सेवाएँ इलेक्ट्रॉनिक रूप में उपलब्ध कराना, इन्फार्मेशन फॉर आल यानी सभी को सूचनाएँ उपलब्ध कराना, देश में इलेक्ट्रॉनिक उत्पादन को बढ़ावा देना ताकि इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के लिए कल-पुर्जों के आयात को शून्य किया जा सके, आईटी फॉर जॉब्स यानी सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से अधिक नौकरियों का सृजन करना तथा स्कूल-कॉलेजों में विद्यार्थियों व शिक्षकों की उपस्थिति हेतु अर्ली हार्वेस्ट प्रोग्राम। यह देश का एक सफल मिशन है और डिजिटल साक्षरता तथा विभिन्न कार्यक्रमों के सफल क्रियान्वयन के माध्यम से तेजी के साथ अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है। निश्चित ही इसके माध्यम से बदलते भारत में विकास की नई परिभाषा गढ़ी जा सकेगी।
9. स्टार्ट अप इंडिया कार्यकर्म (Startup India)
उत्तर प्रदेश के नोएडा में 16 जनवरी, 2016 को नए उद्यमों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्टार्ट अप इंडिया अभियान का प्रारंभ किया गया। इसके तहत युवाओं को नवीनतम एवं रचनात्मक कार्यों के लिए आर्थिक मदद व टैक्स में छूट दी जाती है। युवाओं को स्टार्ट अप प्रारंभ करने के लिए मार्गदर्शन और तकनीकी सहायता उपलब्ध कराने का भी प्रावधान है। योजना का मुख्य उद्देश्य छोटे शहरों व गाँवों के लोगों को लाभ पहुँचाना है।
10. स्टैंड अप इंडिया कार्यकर्म (Stand-Up India)
उत्तर प्रदेश के नोएडा में 5 अप्रैल, 2016 को प्रधानमंत्री ने स्टैंड अप इंडिया अभियान की शुरुआत की। केंद्र सरकार की इस योजना के अंतर्गत 10 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये तक की सीमा में ऋणों के लिए अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और महिलाओं के बीच उद्यमशीलता को प्रोत्साहित किया जाएगा। इस योजना का लक्ष्य वंचितों और दलितों को आगे लाना है।
योजना में 10 हजार करोड़ रुपये की प्रारंभिक धनराशि के साथ भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) के माध्यम से पुन वित्त सुविधा का प्रावधान है।
एनसीजीटीसी के माध्यम से ऋण गारंटी के लिए 5000 करोड़ रुपये के कोष का निर्माण किया गया है।
स्टैंड अप इंडिया कार्यक्रम के तहत अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के 2.5 लाख उद्यमी तैयार किए जाएंगे।
इस योजना के अंतर्गत देश की 1.25 लाख बैंक शाखाओं द्वारा एक दलित और एक महिला उद्यमी को प्रोत्साहित किया जाएगा।
11. पहल (Pahal)
यह कार्यक्रम 1 जनवरी, 2015 से संपूर्ण देश में प्रारंभ किया गया। इसके तहत रसोई गैस पर मिलने वाली सब्सिडी के पैसे सीधे ही लाभार्थी के खाते में हस्तांतरण होते है। इसमें एलपीजी गैस कनेक्शन नं. को ग्राहक के बैंक खाते से जोड़ दिया जाता है जिससे पैसे उसके खाते में पहुँच जाते हैं।
12. प्रधानमंत्री उज्जवला योजना (Pradhan Mantri Ujjwala Yojana)
प्रधानमंत्री उज्जवला योजना प्रधानमंत्री द्वारा 1 मई, 2016 को (उ.प्र. राज्य के) बलिया जिले में आरंभ की गई। इस योजना का लक्ष्य गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) के जीवन-यापन करने वाले पांच करोड़ लोगों को रसोई गैस (एलपीजी) कनेक्शन प्रदान करना है। योजना के अंतर्गत बीपीएल परिवार के प्रत्येक एलपीजी कनेक्शन के लिए 1,600 रुपये प्रदान किए जाते हैं। योग्य बीपीएल परिवारों की पहचान राज्य सरकारों एवं केंद्रशासित प्रदेशों से परामर्श कर की जाएगी। यह देश की पहली ऐसी योजना है जिसके माध्यम से देश में निर्धनतम परिवार की करोड़ों महिलाओं को लाभ पहुंचाया जाएगा। बीपीएल परिवारों को एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराने से देश में सभी स्थानों पर रसोई गैस की पहुंच होगी। योजना के क्रियान्वयन से महिलाएँ सशक्त बनेंगी और उनके स्वास्थ्य की रक्षा होगी। रसोई गैस से समय और श्रम की बचत होगी। रसोई गैस आपूर्ति श्रृंखला ग्रामीण युवाओं को रोजगार भी उपलब्ध कराएगी। बीपीएल परिवारों को 5 करोड़ गैस कनेक्शन प्रदान किए जाने के लक्ष्य वाली इस योजना में अब तक 2.5 करोड़ गैस कनेक्शन दिए जा चुके है।
13. उज्जवला प्लस योजना (Ujjwala Plus Yojana)
यह उज्ज्वला योजना से आगे की योजना है। इस योजना के अंतर्गत स्वेच्छा से एलपीजी पर अपनी सब्सिडी छोड़ देने वाले उपभोक्ताओं को जरूरतमद परिवारों को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन मुहैया कराने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके अंतर्गत आम लोग किसी भी गाँव में गरीब परिवारों को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन दिलवा सकते हैं।
14. उजाला योजना (Ujala Yojana)
उजाला (उन्नत ज्योति बाई अफोर्डेबल एलईडीज फॉर ऑल) ऊर्जा बचत कार्बन उत्सर्जन में 30-35 प्रतिशत कम करने हेतु भारत सरकार का कार्यक्रम है, जिसके अंतर्गत कम मूल्य पर एलईडी बल्ब दिए। जाते हैं। उजाला योजना ने ऊर्जा की बचत करने वाली लाइटिंग के बारे में जागरूकता उत्पन्न करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। योजना के अंतर्गत अब तक लगभग 10 करोड़ एलईडी बल्ब वितरित किए जा चुके हैं। भारत सरकार को विश्वास है कि इस वर्ष 20 करोड़ एलईडी बल्बों का वितरण होगा। अनुमान है कि 77 करोड़ पुराने अक्षम बल्ब बदलने का लक्ष्य उजाला के अंतर्गत लगातर प्रयासों और • उद्योग की सहायता से मार्च 2019 तक पूरा कर लिया जाएगा। ऊर्जा बचाने वाली घरेलू लाइटिंग विश्व • भर में ऊर्जा बचाने में सबसे सर्वाधिक योगदान कर रही है। भारत में 10 करोड़ एलईडी बल्बों के वितरण के साथ प्रति वर्ष 1,298 करोड़ किलोवाट प्रति घंटा बिजली की बचत हो रही है। महत्वपूर्ण बात यह है कि देश में प्रतिवर्ष 12 करोड टन कार्बन मोनो ऑक्साइड उत्सर्जन में कमी आई है उजाला संसार में सबसे बड़ा सब्सिडी रहित एलईडी कार्यक्रम है इन बल्ब का इस्तेमाल करने वाले ग्राहकों को इस कार्यक्रम से बड़ी बचत हुई है।
15. दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय योजना
यह योजना शहरी और ग्रामीण गरीबों के उत्थान क लिए बनाई गई है। इसमें उनके कौशल विकास एवं अन्य साधनों से आजीविका के अवसर बढ़ाकर करेगी उन्हें सशक्त किया जाएगा।
योजना के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं :
• प्रत्येक शहरी निर्धन व्यक्ति पर 15000 से 18000 रुपये खर्च कर उसे कौशल सिखाना।
• व्यक्तिगत परियोजना के लिए 2 लाख रुपये की तथा समूह उद्यमों के लिए 10 लाख रुपये की ब्याज सब्सिडी के साथ व्यक्तिगत सूक्ष्म उद्यम एवं समूह उद्यमों की स्थापना के माध्यम से स्व-रोजगार को बढ़ावा देना। सब्सिडी के साथ ब्याज की दर 7 प्रतिशत रहेगी।
• सभी के लिए आवास आवास।
• सभी के लिए स्वास्थ्य की सुनिश्चितता।
• सभी के द्वार पर ही सुरक्षित पेयजल।
• क्षेत्र के अनुरूप सिंचाई की सुविधाएं।
• सभी मौसमों में चालू रहने वाली सड़कों के माध्यम से नजदीकी शहरों से संपर्क।
• विकास की निरंतरता के लिए ठोस संस्थागत प्रणाली।
• आदिवासी सांस्कृतिक धरोहर का संवर्धन एवं संरक्षण।
• आदिवासी क्षेत्रों में खेलों को बढ़ावा देना।
16. राष्ट्रीय रुर्बन मिशन (National Rurban Mission NRuM)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 फरवरी 2016 को छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के कुरूभात ग्राम से राष्ट्रीय रुर्बन मिशन का शुभारंभ किया था। मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में आधारभूत सेवाओं में वृद्धि तथा सुविधा प्रदान कर गांव का विकास करना है इसमें नूर बन क्लस्टर बनाए गए हैं क्लस्टर के अंतर्गत मैदानी तटीय क्षेत्रों में लगभग 25000 से 50000 जनसंख्या वाले तथा मरुभूमि, पर्वतीय या जनजातीय क्षेत्रों में 5000 से 15000 तक जनसंख्या वाले भौगोलिक रूप से एक-दूसरे के निकट बसे गांव का समूह है। प्रत्येक कलस्टर में कौशल विकास कृषि प्रसंस्करण विद्यालय की सुविधाएं सिटीजन सर्विस सेंटर (डिजिटल साक्षरता) मोबाइल हेल्थ यूनिट एलपीजी कनेक्शन स्ट्रीट लाइट नालियों का निर्माण स्वच्छता जैसे कार्यों के माध्यम से गांवों के विकास पर जोर दिया जा रहा है।
17. अमृत (AMRUT)
अमृत (AMRUT-Atal Mission for Rejuvination and Urban Transformation) कार्यक्रम का आरंभ 1 लाख से ज्यादा आबादी वाले 500 से अधिक कस्बों शहरों में बेसिक इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं अन्य सुविधाओं का विकास करने के उद्देश्य से 25 जून, 2015 को किया गया था। यह 50 हजार करोड़ रुपये की योजना है। इसमें जो शहर शामिल होंगे वहाँ बिजली, पानी, सीवर, नालियों व सेप्टिक टैंकों की जैविक और यांत्रिक सफाई, कचरा प्रबंधन, वर्षा जल संचयन, बाढ़-जल निकासी प्रणाली का निर्माण एवं उसका रख-रखाव, बस रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम की स्थापना, अच्छी सड़कें, बच्चों के लिए पार्क जैसी सुविधाएँ मुहैया कराई जाएँगी। ई-गवर्नेस के माध्यम से सरकारी सेवाओं और बिलों के भुगतान की सुविधा सुनिश्चित की जाएगी। आस-पास के क्षेत्र को हरा-भरा बनाने पर जोर दिया जाएगा। स्वच्छ और सुविधा संपन्न कॉलोनियों में सुंदर घरों का निर्माण किया जाएगा। शहरी कायाकल्प के लक्ष्य वाली इस योजना के माध्यम से निर्धनों और दिव्यांगजनों को गुणवत्ता पूर्ण जीवन-सुविधाएँ सुलभ कराने पर जोर होगा।
18. सुगम्य भारत अभियान
सरकार ने विकलांगों के उत्पादक, सुरक्षित और गरिमापूर्ण जीवन जीने के लिए, उन्हें प्रगति और विकास हेतु समान अवसर और सुगम्यता प्रदान करने हेतु दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकारिता विभाग, न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने सुगम्य भारत अभियान की शुरुआत की है। सुगम्य भारत अभियान विकलांग लोगों के लिए सभी प्रकार की सुगम्यता प्रदान करने हेतु और तीन स्तंभों- निर्माण परिवेश, सार्वजनिक परिवार तथा सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकियों पर जोर देते हुए एक सक्षम और बाधा मुक्त वातावरण बनाने के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान है। अभियान के अंतर्गत निम्नलिखित उद्देश्यों और लक्ष्यों को शामिल किया गया है.
(क) निर्माण परिवेशः इसके अंतर्गत लोगों के लिए सुलभ भौतिक परिवेशों में सुगम्यता को बढ़ावा देना है। इसमें निम्नलिखित कार्य सम्मिलित हैं-
- सार्वजनिक भवनों में रैंप की सुविधा।
- सुगम में पार्किंग व्यवस्था
- सुगम्य शौचालय की व्यवस्था
- लिफ्ट में ब्रेल संकेतक और श्रवय सिंगनल की व्यवस्था
- आपात समय में खाली कराने के लिए सुरक्षित उपाय।
(ख) सार्वजनिक परिवहनः इसके अंतर्गत सार्वजनिक परिवहन की सुगम्यता और उपयोगिता को बढ़ावा देना है। इसमें निम्नलिखित कार्य सम्मिलित हैं।
- सुगम्य रेलवे स्टेशनों, एयरपोर्टों और बस स्टॉपों, ट्रेनों और बसों की व्यवस्था
- सुगम्य शौचालयों के साथ रेल घटकों और एयर कैरियर्स की अनुकूलता
- ट्रैफिक लाइटों पर श्रव्य संकेतक ।
(ग) सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी सूचना एवं संचार प्रोद्यौगिकी सेवाओं की सुगम्यता और उपयोगिता को बढ़ावा देना है। इसमें निम्नलिखित कार्य सम्मिलित हैं।
- सुगम्य सार्वजनिक वेबसाइट
- सार्वजनिक दस्तावेज और सुगम्य प्रारूप में सूचना की उपलब्धता
- सार्वजनिक टेलीविजन कार्यक्रमों में अनुशीर्षक और ऑडियो विवरण का प्रावधान।
नरेंद्र मोदी द्वारा 20 नवंबर, 2016 को आगरा से शुभारंभ | यह योजना शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अलग-अलग नाम से चलाई जा रही है- प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) व प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण)। लोगों को अपना घर दिलाने के उद्देश्य से योजना के तहत वर्ष 2022 तक 2 करोड़ से ज्यादा घरों का निर्माण किया जाएगा। योजना को निम्नलिखित 4 कार्यक्रम घटकों के माध्यम से पूरा किया जाएगा- निजी प्रवर्तकों की भागीदारी से स्लमवासियों का स्लम पुनर्वास, ऋण से जुड़ी ब्याज सब्सिडी के माध्यम से कमज़ोर वर्ग के लिए किफायती आवास को प्रोत्साहन, सार्वजनिक तथा निजी क्षेत्रों के साथ भागीदारी में किफायती आवासों का निर्माण, लाभार्थी आधारित व्यक्तिगत आवास निर्माण के लिए सब्सिडी । योजना का लाभ ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से दुर्बल वर्ग) तथा एलआईजी (लोअर इनकम ग्रुप) श्रेणी के लोग ही उठा सकेंगे।
प्रधानमंत्री मुद्रा (MICRO UNIT DEVELOPMENT AND REFINANCE AGENCY LIMITED) योजना एक बैंक ऋण योजना है जो लघु उद्यमों, कंपनियों व स्टार्ट- अप्स को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने के लिए 8 अप्रैल, 2015 को प्रारंभ की गई थी। इस योजना के अंर्तगत 3 श्रेणियों में ऋण दिया जाता है- शिशुः इसके अंर्तगत नए उद्यमियों को व्यापार प्रारंभ करने हेतु 50 हज़ार रुपये तक का ऋण दिया जाता है। किशोर: इसके अंर्तगत उन उद्योगों को 50 हजार से 5 लाख रुपये तक का ऋण दिया जाता है जो प्रारंभ तो हो गए हैं पर अभी स्थापित नहीं हो पाए हैं। तरुणः इसके अंर्तगत स्थापित हो चुके लघु उद्योगों को व्यापार वृद्धि हेतु 10 लाख रुपये तक का ऋण उपलब्ध कराया जाता है।
यह बालिकाओं के लिए एक लघु बचत योजना है और 'बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ योजना का ही अंग है, जिसका शुभारंभ प्रधानमंत्री ने 22 जनवरी, 2015 को किया था।
सुकन्या समृद्धि खाता बालिका के जन्म लेने से लेकर उसकी आयु 10 वर्ष होने तक किसी भी समय उसके नाम से खुलवाया जा सकता है। आरंभ में न्यूनतम 1000 रुपये जमा कराने होते हैं और उसके बाद 100 रुपये के गुणक में कोई भी राशि जमा कराई जा सकती है। इस योजना के आरंभ होने से एक वर्ष पहले जो बालिकाएँ 10 वर्ष की हो चुकी थीं, वे भी इस योजना के अंतर्गत खाते खुलवा सकती हैं।
यह योजना बीच में ही पढ़ाई छोड़ चुके या मदरसों जैसे सामुदायिक शिक्षा संस्थानों में पढ़े 17 से 35 वर्ष के अल्पसंख्यक युवाओं को कक्षा आठवीं या दसवीं तक औपचारिक शिक्षा तथ प्रमाणपत्र के साथ कौशल प्रशिक्षण देने के उद्देश्य से प्रारंभ की गई है ताकि वे संगठित क्षेत्र में बेहतर रोजगार प्राप्त करने योग्य हो जाएँ और बेहतर जीवन जी सकें। कम से कम 30 प्रतिशत सीटें अल्पसंख्यक लड़कियों के लिए रखी गई हैं। इसमें 9 से 12 महीने का गैर-आवासीय कार्यक्रम भी है, जिसमें उनकी शिक्षा के लिए (कक्षा आठवीं या कक्षा दसवीं के लिए) प्राथमिक सेतु कार्यक्रम चलाया जाता है और लगातार एवं लाभकारी रोजगार प्राप्त करने के लिए। किसी कौशल का प्रशिक्षण दिया जाता है। योजना पूरे देश में चलाई जा रही है। पांच वर्ष के लिए 650/- करोड़ रुपये की मंजूर किए गए हैं। विश्व बैंक ने - योजना हेतु 5 करोड़ डॉलर की वित्तीय सहायता मंजूर कर दी है और विकास संबंधी चुनौतियों से जूझ रहे अफ्रीकी देशों को भी यह योजना लागू करने की सिफारिश की है।
सागरमाला सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य देश में बंदरगाहों की अगुवाई में विकास को गति प्रदान करना है। रिपोर्ट के अनुसार इस कार्यक्रम से लॉजिस्टिक्स लागत में लगभग 35,000 करोड़ रुपये की वार्षिक बचत हो सकती है। साथ ही वर्ष 2025 तक भारत का व्यापारिक निर्यात बढ़कर 110 अरब डॉलर तक होने की संभावना है। इस योजना के माध्यम से लगभग 1 करोड़ नए रोजगार पैदा होने का अनुमान है। इस योजना के माध्यम से विद्युत वितरण कंपनियाँ (डिस्कॉम) वित्तीय सुधार एवं पुनरुत्थान करने तथा समस्याओं के स्थाई व टिकाऊ समाधान को सुनिश्चित करेंगी।
ग्रामीण क्षेत्र के सभी दूरदराज के स्थानों को हर मौसम में सड़क संपर्क उपलब्ध कराने के उद्देश्य से यह योजना प्रारंभ की गई थी। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत सम्मिलित 1,58,891 गाँवों में से 84,414 गाँवों को जोड़ने के लक्षित •3,67,693 किमी0 में से 2,09,570 किमी० नई सड़कों का निर्माण किया जा चुका है। इस योजना के तहत प्रतिदिन औसतन लगभग 133 किमी० सड़कों का निर्माण हो रहा है।
ई-नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट का प्रारंभ प्रधानमंत्री द्वारा 14 अप्रैल, 2016 को किसानों को उनकी उपज का अच्छा मूल्य प्राप्त कराने के उद्देश्य से किया गया था। यह राष्ट्रीय स्तर का इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग पोर्टल है जो एकीकृत राष्ट्रीय बाजार के लिए एक मंच है। इसका उद्देश्य व्यापारियों को राज्य के सभी बाजारों के लिए लाइसेंस उपलब्ध करवाना, कृषि उपज के गुणवत्ता परीक्षण का प्रावधान मानकों में एकरूपता लाना उपलब्ध कराना है। अभी तक 10 राज्यों की 250 तथा प्रत्येक बाज़ार में मंडियाँ ई-नाम से जुड़ चुकी हैं और मार्च, 2018 तक गुणवत्ता देश की 585 नियंत्रित मंडियों को ई-नाम से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है।
उड़ान (UDAN) यानी उड़े देश का आम नागरिक योजना के द्वारा छोटे शहरों को हवाई सेवाओं से जोड़ा जाएगा। पहली सेवा शिमला और दिल्ली के •बीच प्रारंभ की गई, जिसका शुभारंभ 27 अप्रैल 2017 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिमला के जुब्बड़हट्टा हवाई अड्डे से किया गया था।
साथ SATH- Sustainable Action for Transforming Humen Capital) कार्यक्रम का आरंभ नीति आयोग द्वारा किया गया है। शिक्षा व स्वास्थ्य क्षेत्र में कायाकल्प करने के उद्देश्य को लेकर इसका आरंभ किया गया है। यह कार्यक्रम विभिन्न राज्यों द्वारा नीति आयोग से अपेक्षित तकनीकी सहायता की आवश्यकता पूरी करेगा। इसका लक्ष्य बेहतर स्वास्थ्य प्रणालियों के लिए राज्यों के तीन भावी रोल मॉडल (आदर्श राज्यों का चयन और निर्माण करना है। अंतिम लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु नीति आयोग राज्यों का सहयोग कार्यक्रम नियोजन व उसके कार्यान्वयन हेतु ढाँच का विकास, निगरानी, अन्वेषण व संस्थागत उपायों के माध्यम से राज्यों की सहायता करेगा। कार्यक्रम में भागीदारी हेतु 14 राज्यों ने भाग लिया था, जिनमें से 5 राज्यों का चयन किया गया है। जिनमें से अंतिम रूप से 3 का चयन किया जाना है जो विभिन्न स्वास्थ्य मानदंडा जैसे प्रसूति मृत्यु दर, शिशु मृत्यु दर, मलेरिया के मामले आदि के आधार पर किया जाएगा।
सेतुभारतम परियोजना राष्ट्रीय राजमार्गों को रेलवे क्रासिंग से मुक्त बनाने के उद्देश्य से प्रारंभ की गई है। इसके अंतर्गत वर्ष 2019 तक सभी राष्ट्रीय राजमार्गों को रेलवे क्रॉसिंग से मुक्त बनाना है ताकि उन पर आवाजाही सुगम हो सके। इस परियोजना के तहत 20,800 करोड़ रुपये की लागत से 208 रेलवे ओवर ब्रिज तथा रेलवे अंडर ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। साथ ही लगभग 1500 पुराने और खस्ता हाल पुलों को लगभग 30 हजार करोड़ रुपये की लागत चरणबद्ध तरीके से प्रतिस्थापना/ चौड़ीकरण मजबूत बनाकर सुधारा जाएगा।
वरिष्ठ नागरिकों को भौतिक सहायता तथा जीवनचर्या हेतु सहायक उपकरण उपलब्ध कराने के उददेश्य से राष्ट्रीय वयोश्री योजना चलाई जा रही। है। योजना के तहत पात्र वरिष्ठ नागरिकों को छड़ी, कील चेयर, वाकर कच, ट्रायपॉड/क्वापॉड, कोहनीसहायक श्रवण यंत्र, कृत्रिम दाँत और चश्मे प्रदान किए जाते हैं। 484 करोड़ रुपये की इस योजना से अगले तीन वर्षों में देश के 250 जिलों के गरीबी रेखा वाले 5.56 लाख नागरिकों को लाभ मिलेगा।
हृदय (HRIDAY Heritage City Development and Augmentation Yojana) विरासत शहरों में स्थित ऐतिहासिक इमारतों के संरक्षण-संवर्धन और इन शहरों में आर्थिक गतिविधियों के विकास हेतु चलाई जा रही योजना है। यह 21 जनवरी, 2015 को प्रारंभ की गई थी। केंद्र सरकार द्वारा वित्तपोषित यह योजना विरासत शहरों के समेकित समावेशी और सतत् विकास हेतु तैयार की गई है। इसके तहत प्रथम चरण में 12 शहरों को चुना गया है- मथुरा, वाराणसी, अमृतसर, अजमेर, गया, द्वारका, पुरी, कांचीपुरम् वारंगल अमरावती, बादामी और वेलानकिनी।
24 मई 2018 को आरंभ किए गए इस कार्यक्रम के माध्यम से स्कूली शिक्षा को गुणवत्तापूर्ण बनाने पर जोर दिया जाएगा। योजना के तहत शिक्षा में तकनीकी प्रयोग बढ़ाकर विद्यार्थियों और शिक्षकों को अधिक सशक्त बनाया जाएगा। इस अभियान में पूर्व चल रही तीन योजनाओं- सर्व शिक्षा अभियान, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान और समग्र शिक्षा अभियान को समाहित कर दिया गया है। इसका उद्देश्य बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के प्रदान करने के साथ उन्हें समग्र रूप से विकास की ओर अग्रसर करना है। योजना में बालिका शिक्षा पर फोकस किया जाएगा. उन्हें आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया जाएगा। योजना में डिजिटल एजुकेशन, खेल तथा शारीरिक शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा दिया जाएगा। अभियान के सफलतापूर्वक क्रियान्वयन के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षण और शिक्षा के प्रशासनिक ढाँचे में बदलाव किया जाएगा।
केंद्र सरकार की इस योजना के माध्यम से देश की आर्थिक रूप से कमजोर 40 प्रतिशत आबादी को स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान की जाएगी। योजना के तहत 10 करोड़ परिवारों को 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराया जाएगा। लाभार्थी सरकार द्वारा सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में अपने परिवार का इलाज करा सकेंगे। इसे पूर्व में चल रही राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के स्थान पर प्रारंभ किया गया है। सरकार ने इसके लिए 2000 करोड़ रुपये की रकम आवंटित की है।
अगर आपको हमारा यह पोस्ट अच्छा लगा हो तो कृपया सब्सक्राइब कीजिए।
Comments
Post a Comment