भारत के प्राचीन विश्वविद्यालय // Ancient University of India
भारत के प्राचीन विश्वविद्यालय का इतिहास नालंदा विश्वविद्यालय बिहार के नालंदा जिले में स्थित नालंदा विश्वविद्यालय विश्व का सबसे प्राचीन विश्वविद्यालय हैं। इसकी स्थापना 450-470 ईसवी में गुप्त वंश के शासक कुमारगुप्त ने की थी। 12 वीं शताब्दी तक यहां सफलतापूर्वक शिक्षण-अध्ययन कार्य चलता रहा, तुर्क आक्रमणकारियों द्वारा नष्ट-भ्रष्ट किए जाने से पूर्व तक यहां 10 हजार से अधिक विद्यार्थी और दो हजार से अधिक आचार्य थे। यह विश्वविद्यालय स्थापत्यकला का बेजोड़ नमूना था। विशाल दीवार से गिरे परिसर में मठ, स्तूप, मंदिरों के साथ-साथ केंद्रीय विद्यालय में 7 बड़े कक्ष और 300 कमरे थे, जिनमें पढ़ाई होती थी। रत्नसागर, रत्नोदधि व सप्तरंजक नामक तीन बड़े पुस्तकालय भी थे। हां देश-विदेश से सभी धर्म संप्रदायों के लोग अध्ययन करने आते थे। यहां के विद्वान भी बौद्ध धर्म के प्रचार हेतु बाहर जाते थे। सातवीं शताब्दी में यहां ह्वेनसांग अध्ययन करने आया था। यहां वेद व्याकरण दर्शन, शल्यविद्या, ज्योतिष, योग शास्त्र, तर्क विद्या, चिकित्साविज्ञान, धातुकर्म, खगोलशास्त्र की पढ़ाई होती थी। यह विश्वविद्यालय कोई साधारण शिक्षा केंद